मोहनदास करमचंद गाँधी की आत्मकथा
सत्य के प्रयोग अथवा आत्मकथा महात्मा गाँधी की जन्म से लेकर 1921 की आत्मकथा है। इसका 1925 से 1927 के बीच नवजीवन में साप्ताहिक किस्तों में हुआ। मूल रूप में गुजराती में लिखी आत्मकथा का हिन्दी अनुवाद गाँधी के सहयोगी काशिनाथ त्रिवेदी ने किया है। विश्व के धार्मिक और आध्यात्मिक गुरुओं की एक समिति ने इस पुस्तक को 20वी शताब्दी की सर्वोत्तम 100 आध्यात्मिक पुस्तकों में शामिल है।
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